सफ़र का राही अब हमारा मिला जुस्तजू ख़्वाब एकतरफा मिला। सफ़र का राही अब हमारा मिला जुस्तजू ख़्वाब एकतरफा मिला।
जब लोग बड़े तो होते हैं,पर बड़े नही होते! जब लोग बड़े तो होते हैं,पर बड़े नही होते!
तब मेरी जीवन शक्ति में होती है बढ़ोत्तरी और प्रभु के लिए निकलता है शुक्रिया। तब मेरी जीवन शक्ति में होती है बढ़ोत्तरी और प्रभु के लिए निकलता है शुक्रिया।
फिर भी पता है सनम तुम भीड़ में भी अकेली हो चाहे दुनिया का मेला लगा हो चारों ओर फिर भी पता है सनम तुम भीड़ में भी अकेली हो चाहे दुनिया का मेला लगा हो चारों ओर
इसी वहशत से करता मैं किसी और का इंतजार किसी और का तलबगार मैं सुबह-ओ-शाम होता इसी वहशत से करता मैं किसी और का इंतजार किसी और का तलबगार मैं सुबह-ओ-शाम होता
करेगा सो भरेगा क्यों सोचे समझदार आ बैल मुझे मार। करेगा सो भरेगा क्यों सोचे समझदार आ बैल मुझे मार।